गृहस्थी कच्ची थी,उनकी मौत, परिवार पर मुसीबत का पहाड़ जैसे टूटा था। गृहस्थी कच्ची थी,उनकी मौत, परिवार पर मुसीबत का पहाड़ जैसे टूटा था।
वर्षा घर में रहते हुये भी उतनी ही व्यवस्थित रहती। वर्षा घर में रहते हुये भी उतनी ही व्यवस्थित रहती।
" देखो प्रीतम भईया, चाहे कितने भी बुरे हो ! पर वो तुम्हारे भाई है.. मुझे विश्वास है, अगर मैं उन्हें ... " देखो प्रीतम भईया, चाहे कितने भी बुरे हो ! पर वो तुम्हारे भाई है.. मुझे विश्वास...
उसने बताया कि वह सेवँई और पापड़ भी बेचती है, उसी में से दो चार रुपये मुनाफा हो जाता है! उसने बताया कि वह सेवँई और पापड़ भी बेचती है, उसी में से दो चार रुपये मुनाफा हो ज...
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कभी कभार दौड़ कर गाड़ियों को पकड़ने की असफल कोशिश भी करते। कभी कभार दौड़ कर गाड़ियों को पकड़ने की असफल कोशिश भी करते।